Getting My Shiv chaisa To Work
Getting My Shiv chaisa To Work
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
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O Glorious Lord, consort of Parvati You're most merciful . You always bless the bad and pious devotees. Your gorgeous type is adorned Together with the moon on Your forehead and in your ears are earrings of snakes' hood.
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात Shiv chaisa स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। Shiv chaisa जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
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